Tag: Elitism

Rajesh Joshi

रुको बच्‍चो

रुको बच्‍चो, रुको! सड़क पार करने से पहले रुको तेज रफ़्तार से जाती इन गाड़ियों को गुज़र जाने दो वो जो सर्र से जाती सफ़ेद कार में...
Gaurav Bharti

कविताएँ: जून 2020

मुक्तावस्था मंडी हाउस के एक सभागार में बुद्धिजीवियों के बीच बैठी एक लड़की नाटक के किसी दृश्य पर ठहाके मार के हँस पड़ती है सामने बैठे सभी लोग मुड़कर देखते...
Old man from village

जाहिल के बाने

मैं असभ्य हूँ क्योंकि खुले नंगे पाँवों चलता हूँ मैं असभ्य हूँ क्योंकि धूल की गोदी में पलता हूँ मैं असभ्य हूँ क्योंकि चीरकर धरती धान...
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