Tag: Poem on Kashmir Beauty

ओ! कश्मीरी बाला

ओ! कश्मीरी बाला झेलम की अविरल धारा डल में धड़कती शिकारा ओ! कश्मीरी बाला रुख़ पै रोशन केसरी लाली मुस्काँ बिखेरती चारों तरफ़ पर्वत की बिटिया हो तुम आवाज़ में है...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)