Tag: Shail Chaturvedi
दफ़्तरीय कविताएँ
बड़ा बाबू?
पट जाये तो ठीक
वर्ना बेकाबू।
बड़े बाबू का
छोटे बाबू से
इस बात को लेकर
हो गया झगड़ा
कि छोटे ने
बड़े की अपेक्षा
साहब को
ज़्यादा मक्खन क्यों रगड़ा।
इंस्पेक्शन के...
शायरी का इंक़लाब
एक दिन अकस्मात
एक पुराने मित्र से
हो गई मुलाकात
कहने लगे- "जो लोग
कविता को कैश कर रहे हैं
वे ऐश कर रहे हैं
लिखने वाले मौन हैं
श्रोता तो...