Tag: Shamsher Bahadur Singh
तुमने मुझे
तुमने मुझे और गूँगा बना दिया
एक ही सुनहरी आभा-सी
सब चीज़ों पर छा गई
मैं और भी अकेला हो गया
तुम्हारे साथ गहरे उतरने के बाद
मैं एक...
बात बोलेगी
बात बोलेगी,
हम नहीं।
भेद खोलेगी
बात ही।
सत्य का मुख
झूठ की आँखें
क्या देखें!
सत्य का रुख़
समय का रुख़ हैः
अभय जनता को
सत्य ही सुख है
सत्य ही सुख।
दैन्य दानव; काल
भीषण;...