Tag: Suraj Pal Chauhan
परिवर्तन की बात
“हाँ भैया, गाय और अपनी माता में कोई फर्क नहीं होता।”
“तो तुम इसका माँ की तरह दाह-संस्कार क्यों नहीं करते?”
“साले खाल खींचा, यदि एक भी शब्द और आगे कहा तो पूरी लाठिया मुँह में घुसेड़ दूँगा।”“तुम्हीं तो मरे जानवर उठाने का काम करते आए हो। तुम नहीं करोगे, तो कौन करेगा इस काम को?”
“कोई भी करे, अब हम नहीं करेंगे।”