Tag: Yashpal

Yashpal

अख़बार में नाम

जून का महीना था, दोपहर का समय और धूप कड़ी थी। ड्रिल-मास्टर साहब ड्रिल करा रहे थे। मास्टर साहब ने लड़कों को एक लाइन में...
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चित्र का शीर्षक

जयराज जाना-माना चित्रकार था। वह उस वर्ष अपने चित्रों को प्रकृति और जीवन के यथार्थ से सजीव बना सकने के लिए, अप्रैल के आरम्भ...
Child Labour

कुत्ते की पूँछ

"मनुष्यता का चस्का एक दफे लग जाने पर किसी को जानवर बनाये रखना भी तो सम्भव नहीं।" क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि किसी से दोस्ती करके या किसी को अपने जीवन में जगह देकर आपने बड़ा महसूस किया हो? और बाद में उस व्यक्ति के आपसे खुलते जाने पर आपको अफ़सोस भी हुआ हो? यदि हाँ, तो यह कहानी बेसब्री से आपका इंतज़ार कर रही है!
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