Tag: बचपन

Rahnaward Zaryab

अफ़ग़ान लेखक रहनवर्द ज़रयाब की कहानी ‘निबन्ध’

कहानी: निबन्ध लेखक: रहनवर्द ज़रयाब (Rahnaward Zaryab) दारी से अंग्रेज़ी अनुवाद: डॉ. एस. वली अहमदी हिन्दी अनुवाद: श्रीविलास सिंह (रहनवर्द ज़रयाब का जन्म 1944 को क़ाबुल के...
Rahul Tomar

कविताएँ: दिसम्बर 2021

आपत्तियाँ ट्रेन के जनरल डिब्बे में चार के लिए तय जगह पर छह बैठ जाते थे तो मुझे कोई आपत्ति नहीं होती थी स्लीपर में रात के समय...
Happy Girl Child

बचपन में दुपहरी थी, बरगद देखता है

बचपन में दुपहरी थी एक पेड़ था एक चिड़िया थी एक तालाब था तीनों गाँव में थे चिड़िया गाती थी चिड़िया पेड़ में थी पेड़ था तालाब में तालाब दुपहरी में था दुपहरी...
Zero Period - Avinash Singh Tomar

जीतेंद्र, घुघरी और वीकेण्ड

साभार: किताब: जीरो पीरियड | लेखक: अविनाश सिंह तोमर | प्रकाशन: एका वेस्टलैण्ड / हिन्द-युग्म "गोलू, ओये गोलू! पिक्चर शुरू हो गई, नम्बरिंग स्टार्ट है,...
Sweets Hawker

मिठाईवाला

बहुत ही मीठे स्वरों के साथ वह गलियों में घूमता हुआ कहता, "बच्चों को बहलानेवाला, खिलौनेवाला।" इस अधूरे वाक्य को वह ऐसे विचित्र किन्तु मादक-मधुर...
Jayant Parmar

पेंसिल

1 बेंच पे बैठी ब्लू जींस वाली लड़की पेंसिल छीलती है और उसमें से फूटता है इक काला फूल पेंसिल लिखती है काले-काले अक्षर कोरे काग़ज़ पर जैसे काली तितलियाँ! पेंसिल लिखती है सफ़ेद अक्षर आसमान...
Woman Feet

नीली बनारसी साड़ी

एक लड़की के बचपन की सबसे मधुर स्मृतियों में एक स्मृति उसकी माँ के सुन्दर-सुन्दर कपड़े और साड़ियों की स्मृति और मेरी स्मृति में...
Narendra Jain

कुल्हाड़ी

यहाँ लकड़ी कटती है लगातार थोड़ा-थोड़ा आदमी भी कटता है किसी की उम्र कट जाती है और पड़ी होती धूल में टुकड़े की तरह शोर से भरी इस गली में कहने...
Totto Chan

खिड़की में खड़ी नन्ही लड़की

किताब अंश: 'तोत्तो चान' माँ की चिन्ता का एक कारण था। तोत्तो-चान ने अभी हाल में ही स्कूल जाना शुरू किया था। पर उसे पहली...

भुलभुलैया

पहाड़ से सीधे लम्बवत गिरती नदी बनाने वाले बच्चे नहीं जानते नाला बनकर सूख जाएगी नदी यह एक दिन छोटी इ, बड़ी ई पढ़ने वाले बच्चे बिल्कुल नहीं समझते छोटा-बड़ा बस...
Cupboard

बाबा की अलमारी

रहस्यमयी लगती थी हम बहनों को हरे रंग की बाबा की छोटी अलमारी, मुरचाई मैली-सी फिर भी लगती हमको प्यारी। यूँ तो घर के हर कोने में होती अपनी आवाजाही पर उसको छूने...
Little Girl laughing, Kid

नन्ही बच्चियाँ

'Nanhi Bachchiyaan', a poem by Nirmal Gupt दो नन्ही बच्चियाँ घर की चौखट पर बैठीं पत्थर उछालती, खेलती हैं कोई खेल वे कहती हैं इसे- गिट्टक! इसमें न...
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