Tag: ईश्वर
वसीयत
सुख एक ख़ूबसूरत परिकल्पना है
जीवन, कम और अधिक दुःख के मध्य
चयन की जद्दोजहद!
मार्ग के द्वंद में फँसे,
नियति को देते हैं हम
मन्नतों की रिश्वतें
देवता मनुष्यों के...
आख़िरी दिन की तलाश
ख़ुदा ने क़ुरआन में कहा है
कि लोगो मैंने
तुम्हारी ख़ातिर
फ़लक बनाया
फ़लक को तारों से
चाँद-सूरज से जगमगाया
कि लोगो मैंने
तुम्हारी ख़ातिर
ज़मीं बनायी
ज़मीं के सीने पे
नदियों की लकीरें...
मैं और तू
ख़ुदा-वंद... मुझ में कहाँ हौसला है
कि मैं तुझसे नज़रें मिलाऊँ
तिरी शान में कुछ कहूँ
तुझे अपनी नज़रों से नीचे गिराऊँ
ख़ुदा-वंद... मुझ में कहाँ हौसला है
कि...
ईश्वर का रीविज़न
अपराधी को एक बच्चे की पवित्र मुस्कान दो
धोखेबाज़ पर उड़ेल दो
पंचपरमेश्वर की न्यायप्रियता का डिस्टेम्बर
विरोधी के आँगन में उगा दो
बिस्मल्ला ख़ाँ की शहनाई वाली मीठी...
मैं ईश्वर की हत्या करना चाहता हूँ
बचपन से सिखाया गया
ईश्वर विज्ञान से परे है
ईश्वर के पास हर मर्ज़ की दवा है
अभी, जब ईश्वर की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है
तो ईश्वर क्वारेंटीन हो...
विस्थापित ईश्वर
जो घटना समझ नहीं आयी, उसे हमने ईश्वर माना
और उनसे ईश्वर रचे जो समझ के अधीन हुईं।
उसने वर्षा, हवा, पेड़ों में शक्ल पायी,
और सीधे सम्बन्ध...
नयी भाषा
सड़कें, साइकिल और हमारे सजे हुए सपने
किसी थकी हुई भाषा के शब्दों की तरह रुक गए हैं,
चमत्कार की भाषा की चाह में
हमने दूर से...
क्षणिकाएँ : कैलाश वाजपेयी
स्पन्दन
कविता हर आदमी
अपनी
समझ-भर समझता है
ईश्वर एक कविता है!
मोमिन
पूजाघर पहले भी होते थे,
हत्याघर भी
पहले होते थे
हमने यही प्रगति की है
दोनों को एक में मिला दिया।
आदिम...
उसने ईश्वर होने से मना कर दिया
बहुत हुआ
अब थम जाओ
काट डालो
पैने डंक
जो तुमने
उगा रखे हैं
मन की
अंदरूनी तहों में
बस करो कि
जब न रहो तुम
बची रहे तुम्हारे
हिस्से की ज़मीन
त्रिशंकु होना
अच्छा नहीं लगेगा...
मगर मैं ख़ुदा से कहूँगा
मगर मैं ख़ुदा से कहूँगा
ख़ुदा-वंद! मेरी सज़ा तू किसी और को दे
कि मैंने यहाँ
इस ज़मीं पर
सज़ाएँ क़ुबूलीं हैं उनकी
कि जिनसे मुझे सिर्फ़ इतना तअल्लुक़...
राहुल बोयल की कविताएँ
1
एक देवी की प्रतिमा है - निर्वसन
पहन लिया है मास्क मुख पर
जबकि बग़ल में पड़ा है बुरखा
देवताओं ने अवसान की घड़ी में भी
जारी रखी...
गोबिन्द प्रसाद की कविताएँ
आने वाला दृश्य
आदमी, पेड़ और कव्वे—
यह हमारी सदी का एक पुराना दृश्य रहा है
इसमें जो कुछ छूट गया है
मसलन पुरानी इमारतें, खण्डहरनुमा बुर्जियाँ और
किसी...