Tag: Indian Literature

Kamala Das

कमला दास की कविता ‘परिचय’

मूल कविता: 'An Introduction' कवयित्री: कमला दास भावानुवाद: दिव्या श्री मैं राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती लेकिन उन नामों को जानती हूँ जो सत्ता के शिखर पर...
Poonachi - Perumal Murugan

पेरुमल मुरुगन – ‘पूनाची’

पेरुमल मुरुगन के उपन्यास 'पूनाची' से उद्धरण | Quotes by Perumal Murugan from 'Poonachi'   "मैं इंसानों के बारे में लिखने के प्रति आशंकित रहता हूँ;...
Songs of a Coward - Perumal Murugan

पेरुमल मुरुगन की कविताएँ

Poems: Perumal Murugan Book: 'Songs Of A Coward' अनुवाद: आदर्श भूषण अन्त्येष्टि की ख़बर उस दिन, सड़क शमशान में तब्दील हो गयी जो आए थे चिता को अग्नि...
Kamala Das

कदम्ब

'Summer in Calcutta : Radha-Krishna' - Kamla Das अनुवाद: ₹anjita यह नदी, यह पुराना कदम्ब आज, इसी क्षण से हमारा और सिर्फ हमारा होगा हमारी भौतिक उपस्थिति के ऐलान...
Kamala Das

कीड़े

'The Descendants: The Maggots' - Kamala Das अनुवाद: पुनीत कसूम शाम के समय, नदी के तट पर, कृष्ण ने उसे आख़िरी बार प्रेम किया और चले गए छोड़कर उस...
Shiv Kumar Batalvi

शिव कुमार बटालवी की कविताएँ

अनुवाद: तरकश प्रदीप एक सफ़र  (कविता संग्रह 'बिरहा तू सुलतान' से) वो भी शहर से आ रही थी मैं भी शहर से आ रहा था ताँगा चलता जा रहा...
E. Harikumar

साँवली मालकिन

एक औरत एक ज़मींदार के यहाँ बंधुआ मजदूर के रूप में क़ैद है और उसकी बेटी दो-तीन साल के बाद उससे मिलने जाती है.. और जब मिलकर लौटती है तो जो वह कहती है, वह उसके पिता को हैरत में डाल देता है! यह कहानी इसका प्रतीक है कि कैसे ज़मींदारी व्यवस्था ने पैसे के आगे परिवारों और रिश्तों को सदियों कुचला है.. पढ़िए, आज शायद आप इस से बेहतर कुछ नहीं पढ़ पाएंगे! :)
Kamala Das

प्यार

अनुवाद: पुनीत कुसुम जब तक तुम मुझे नहीं मिले थे, मैंनें कविताएँ लिखीं, तस्वीरें बनायीं और दोस्तों के साथ सैर के लिए बाहर गई... अब जब मैं तुम्हें प्यार करती...
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