“उसका शहर भी मेरे शहर के करीब था,
जब रास्ता पूछा तो फिर पहचान हो गयी।”

विवरण (लेखक की ओर से): ‘हम ख़याल’ कुछ ऐसे शेर और गज़लों का संग्रह है। साथ ही साथ कुछ नज़्में भी हैं। कुछ ऐसे ख्याल जो हमेशा से कहने के लिए मुझे तड़पाते थे हम ख्याल उन्हीं ख्यालों का एक संग्रह है।

लेखक मु. शाहिद कमाल अंसारी, भारतीय सिविल लेखा सेवा के 2014 बैच के अधिकारी हैं और फिलहाल दिल्ली में कार्यरत हैं।

  • Paperback: 169 pages
  • Publisher: Educreation Publishing (18 January 2019)
  • Language: Hindi
  • ASIN: B07MXFBXMC
पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...