Tag: A sad poem

Tribe, Village, Adivasi, Labour, Tribal, Poor

राकेश मिश्र की कविताएँ

सन्नाटा हवावों का सनन् सनन् ऊँग ऊँग शोर दरअसल एक डरावने सन्नाटे का शोर होता है, ढेरों कुसिर्यों के बीच बैठा अकेला आदमी झुण्ड से बिछड़ा अकेला पशु आसानी से महसूस कर सकता...
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