Tag: Abdul Malik Khan

Ox, Village, Farmer

बस इतना

'Bas Itna', a poem by Abdul Malik Khan मैंने कब कहा कि मुझे कबाब बिरियानी और काजू किशमिश का कलेवा दो तीखी सुगन्ध से सराबोर सतरंगी पोशाक दो, मैंने...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)