Tag: Ada Jafri
तुम जो सियाने हो, गुन वाले हो
हीरे, मोती, लाल जवाहर, रोले भर-भर थाली
अपना कीसा, अपना दामन, अपनी झोली ख़ाली
अपना कासा पारा-पारा, अपना गरेबाँ चाक
चाक गरेबाँ वाले लोगो तुम कैसे गुन...
साँझ भई परदेस
बे-किवाड़ दरवाज़े
राह देखते होंगे
ताक़, बे-चराग़ों के
इक किरन उजाले की
भीख माँगते होंगे
क्यों झिझक गए राही
क्यों ठिठक गए राही
ढूँढने किसे जाओ
इंतिज़ार किसका हो
रास्ते में कुछ साथी
रह बदल...