Tag: Ambitions
मैं सरल होना चाहती हूँ
महत्त्वाकाँक्षाओ!
चली जाओ
जहाँ तुम्हारा मन करे
जहाँ तुम्हारे पाँव पड़ें
मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती
न अभी
न आगे कभी
मैं नहीं बाँटना चाहती तुमसे
अपने सपने
अपने सरोकार
तुम मुझे समेट...
परिभाषा पीड़ की
तुम्हारी व्यस्तताओं का मैं हुआ अभ्यस्त
रह गया हूँ केवल एक सरन्ध्र हृदय का स्वामी
जिससे रित रही हैं प्रतिपल तुम्हारे लौटने की आशाएँ
और भर रही...