Tag: Ambitions

Nirmala Garg

मैं सरल होना चाहती हूँ

महत्त्वाकाँक्षाओ! चली जाओ जहाँ तुम्हारा मन करे जहाँ तुम्हारे पाँव पड़ें मैं तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती न अभी न आगे कभी मैं नहीं बाँटना चाहती तुमसे अपने सपने अपने सरोकार तुम मुझे समेट...
Rahul Boyal

परिभाषा पीड़ की

तुम्हारी व्यस्तताओं का मैं हुआ अभ्यस्त रह गया हूँ केवल एक सरन्ध्र हृदय का स्वामी जिससे रित रही हैं प्रतिपल तुम्हारे लौटने की आशाएँ और भर रही...
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