Tag: Appropriation of Discourses
प्रश्नों के तहख़ानों में
'लोकप्रिय आदिवासी कविताएँ' से
देखता हूँ
पहाड़ से उतरकर
आकर शहर
हर कोई मेरी ख़ातिर
कुछ-न-कुछ करने में है व्यस्त
कोई लिख रहा है—
हमारी लड़खड़ाती ज़िन्दगी के बारे में
पी. साईनाथ...