Tag: Boat

Gulab Khandelwal

अब तुम नौका लेकर आए

अब तुम नौका लेकर आए, जब लहरों में बहते-बहते हम तट से टकराए! जब सब ओर अतल सागर था सतत डूब जाने का डर था तब जाने यह...
Anurag Tiwari

बादल होता नाव

बादल होता नाव उसमें बैठकर मैं घूमता आकाश सागर में जब मन करता उतरता बूँदों के पैराशूट से गिरता समाता मुँह खोले बैठी धरा पर उगता फिर फ़सल...
Moon, Moonlight

चाँदनी रात में नौका विहार

चाँदनी बिखेरती रात जगमगा रही और हमें संग लिए नाव चली जा रही आसमान के तले, याद के दिए जले छपक छपक धार पर नाव शान से...
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