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Shankaranand

शंकरानंद की कविताएँ

'पदचाप के साथ' कविता संग्रह से बल्ब इतनी बड़ी दुनिया है कि एक कोने में बल्ब जलता है दूसरा कोना अन्धेरे में डूब जाता है, एक हाथ अन्धेरे में हिलता है दूसरा...
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