Tag: Dayanand Batohi

द्रोणाचार्य सुनें, उनकी परम्पराएँ सुनें

सुनो! द्रोण सुनो! एकलव्य के दर्द में सनसनाते हुए घाव को महसूसता हूँ एक बारगी दर्द हरियाया है स्नेह नहीं, गुरू ही याद आया है जिसे मैंने हृदय में...
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