Tag: Destruction
कविताएँ: नवम्बर 2020
विडम्बना
कितनी रोशनी है
फिर भी कितना अँधेरा है
कितनी नदियाँ हैं
फिर भी कितनी प्यास है
कितनी अदालतें हैं
फिर भी कितना अन्याय है
कितने ईश्वर हैं
फिर भी कितना अधर्म...
तोड़ने से कुछ बड़ा है
बनाना तोड़ने से कुछ बड़ा है
हमारे मन को हम ऐसा सिखाएँ
गढ़न के रूप की झाँकी सरस है
वही झाँकी जगत को हम दिखाएँ
बखेरें बीज ज़्यादा...