Tag: Destruction

Sushant Supriye

कविताएँ: नवम्बर 2020

विडम्बना कितनी रोशनी है फिर भी कितना अँधेरा है कितनी नदियाँ हैं फिर भी कितनी प्यास है कितनी अदालतें हैं फिर भी कितना अन्याय है कितने ईश्वर हैं फिर भी कितना अधर्म...
Bhawani Prasad Mishra

तोड़ने से कुछ बड़ा है

बनाना तोड़ने से कुछ बड़ा है हमारे मन को हम ऐसा सिखाएँ गढ़न के रूप की झाँकी सरस है वही झाँकी जगत को हम दिखाएँ बखेरें बीज ज़्यादा...
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