Tag: Fascism
तुम किसके साथ हो
दहकती हुई चीज़ों के आर-पार
तेंदुए की तरह गुर्राता, छलाँगें मारता
गुज़रता है समयदेखो सब कुछ कैसा दहक रहा है
जली हुई चीज़ें चमकदार कोयला बन रही...
मारे जाएँगे
'Maare Jaenge', a poem by Rajesh Joshiजो इस पागलपन में शामिल नहीं होंगे, मारे जाएँगेकठघरे में खड़े कर दिये जाएँगे
जो विरोध में बोलेंगे
जो सच-सच...