Tag: Hijra

तुम्हें भी उसी ईश्वर ने बनाया

'Tumhein Bhi Usi Ishwar Ne Banaya', a poem by Rupam Mishra जब भी मुझे सदियों की पीड़ा को परिभाषित करना पड़ा तो स्त्री और किन्नर ही पहली...
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