Tag: Individual vs society

Leeladhar Jagudi

जब मैं आया था

जब मैं आया था तेज़ क़दम झुके माथे के बावजूद संकरी गलियों और चौड़े रास्तों पर लम्बी-रुलाइयों के अलावा सिसकना भी सुनायी दे जाता था कमज़ोर आवाज़...
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