Tag: Jail

Saadat Hasan Manto

साढ़े तीन आने

"मैंने क़त्ल क्यों किया। एक इंसान के ख़ून में अपने हाथ क्यों रंगे, यह एक लम्बी दास्तान है। जब तक मैं उसके तमाम अवाक़िब...
Ali Sardar Jafri

नींद

रात ख़ूबसूरत है नींद क्यूँ नहीं आती! दिन की ख़शम-गीं नज़रें खो गईं सियाही में आहनी कड़ों का शोर बेड़ियों की झंकारें क़ैदियों की साँसों की तुंद-ओ-तेज़ आवाज़ें जेलरों की बदकारी गालियों की...
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