Tag: Nand Kishore Acharya
ओछा है मेरा प्यार
कितना अकेला कर देगा मेरा प्यार
तुमको एक दिन
अकेला और सन्तप्त
अपनी समूची देह से मुझे सोचती हुईं
तुम जब मुस्कुराओगी—औपचारिक!प्यार मैं तुम्हें तब भी करता रहूँगा
शायद...
प्रेम-कविता
कोई शब्द विलोम नहीं होता
किसी शब्द का
वह अपना आप होता है
जब तक बलात् तुम उसे
दूसरे से भिड़ाओ नहींकविता भिड़ाती नहीं
साथ-साथ करती है
शब्दों को
—उनको भी
विलोम...