Tag: Nazeer Akbarabadi
हुस्न उस शोख़ का अहा-हाहा
हुस्न उस शोख़ का अहा-हाहा
जिन ने देखा कहा अहा-हाहा
ज़ुल्फ़ डाले है गर्दन-ए-दिल में
दाम क्या क्या बढ़ा अहा-हाहा
तेग़-ए-अबरू भी करती है दिल पर
वार क्या क्या...
क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे
क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे
ख़ाक थे क्या थे ग़रज़ इक आन के मेहमान थे
कर रहे थे अपना क़ब्ज़ा ग़ैर की इम्लाक...
इंकार हम से ग़ैर से इक़रार बस जी बस
इंकार हम से ग़ैर से इक़रार बस जी बस
देखे तुम्हारे हम ने ये अतवार बस जी बस
इतना हूँ जा-ए-रहम जो करता है वो जफ़ा
तो...
दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप
'Dil Ko Lekar Humse', by Nazeer Akbarabadi
दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप
लीजिए हाज़िर है पर ये तो ग़ज़ब करते...
बंजारानामा
टुक हिर्स-ओ-हवा को छोड़ मियाँ मत देस बिदेस फिरे मारा
क़ज़्ज़ाक़ अजल का लूटे है दिन रात बजा कर नक़्क़ारा
क्या बधिया भैंसा बैल शुतुर क्या...