Tag: Religious Intolerance
साक्ष्य
'Saakshya', a poem by Harshita Panchariya
जाते-जाते उसने कहा था,
नरभक्षी जानवर हो सकते हैं
पर मनुष्य कदापि नहीं,
जानवर और मनुष्य में
चार पैर और पूँछ के सिवा
समय...
पार्टीशन
"आप क्या खाक हिस्ट्री पढ़ाते हैं? कह रहे हैं पार्टीशन हुआ था! हुआ था नहीं, हो रहा है, जारी है..."
हम उस दौर में जी रहे हैं
हम उस दौर में जी रहे हैं जहाँ
फेमिनिज्म शब्द ने एक गाली का रूप ले लिया है
और धार्मिक उदघोष नारे बन चुके हैं
जहाँ हत्या,...