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समन्दर
स्त्री
सिर्फ़ नमक नहीं
कि मनमाफ़िक इस्तेमाल कर
बन्द कर डिब्बे में
सजा दी जाए
रसोई के किसी कोने में
खाने की किसी टेबल पर।
वह
लहराता समन्दर है
असीम सम्भावनाओं का
पनपते हैं जहाँ
अनमोल...
काग़ज़ की डोंगियाँ
यह समंदर है।
यहाँ जल है बहुत गहरा।
यहाँ हर एक का दम फूल आता है।
यहाँ पर तैरने की चेष्टा भी व्यर्थ लगती है।
हम जो स्वयं...
लूनी नदी
'Looni Nadi', a poem by Deepak Jaiswal
अमूमन नदियाँ समंदर में जाकर मिल जाती हैं—
पूर्णता को धारण करते हुए
एक सुंदर जीवन जीते हुए।
लेकिन कुछ नदियों...
चाँदनी रात में नौका विहार
चाँदनी बिखेरती रात जगमगा रही
और हमें संग लिए नाव चली जा रही
आसमान के तले, याद के दिए जले
छपक छपक धार पर नाव शान से...