Tag: Selfishness
हरिहर काका
हरिहर काका के यहाँ से मैं अभी-अभी लौटा हूँ। कल भी उनके यहाँ गया था, लेकिन न तो वह कल ही कुछ कह सके...
बायोडाटा
"एक ओर तो संतान किसी अदृश्य नली से माँ का खून पी रही थी और दूसरी ओर पिता के हाथ में एक संतरा था, जिसमें बड़ा रस था!"पढ़िए अखिलेश की कहानी 'बायोडाटा', जिसमें राजनीती केवल एक रोजगार है और सम्बन्ध, प्रेम, दुःख.. सभी बायोडाटा में होने वाले कुछ एडिशन्स भर!