Tag: Shishupal Singh ‘Shishu’
मुक्तक – पहला भाग
(1)
भोग की चाह में भगवान को बदनाम न कर,
अपने इंसान को शैतान का गुलाम न कर
बुद्ध के देश की मिट्टी से देह है बनी,
रूप...
मरघट
नदिया का तट जहाँ बहुत से गाँवो का पनघट है,
वहाँ बहुत गाँवो का मरघट भी नदिया का तट है
कहीं पहुँचते हैं प्यासे घट जीवन-रस...