Tag: Smell

Kedarnath Singh

हक़ दो

फूल को हक़ दो—वह हवा को प्यार करे ओस, धूप, रंगों से जितना भर सके, भरे सिहरे, काँपे, उभरे और कभी किसी एक अँखुए की आहट पर पंखुड़ी-पंखुड़ी...
Shankaranand

पसीने की गन्ध

कुछ बातें देर तक गूँजती हैं बिना पहाड़ और दीवार से टकराए शोर में वे चुपके-से अपनी जगह बना लेती हैं और बच जाती हैं हमेशा के लिए बहुत से...
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