Tag: Woman as an object

Om Purohit Kagad

सन्नाटों में स्त्री

'Sannaton Mein Stree', a poem by Om Purohit Kagad दिन भर आँखों से ओझल रही मासूम स्त्री को रात के सन्नाटों में क्यों करते हैं याद ऐ दम्भी पुरुष! दिन में खेलते...
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