Tag: Zia Fatehabadi
लो आज समुंदर के किनारे पे खड़ा हूँ
लो आज समुंदर के किनारे पे खड़ा हूँ
ग़र्क़ाब सफ़ीनों के सिसकने की सदा हूँ
इक ख़ाक-ब-सर बर्ग हूँ, टहनी से जुदा हूँ
जोड़ेगा मुझे कौन कि...
जुनूँ पे अक़्ल का साया है, देखिए क्या हो
जुनूँ पे अक़्ल का साया है, देखिए क्या हो
हवस ने इश्क़ को घेरा है, देखिए क्या हो
गई बहार मगर आज भी बहार की याद
दिल-ए-हज़ीं...