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यशस्वी पाठक की कविताएँ
कविताएँ: यशस्वी पाठक
एक
कवि और लेखकों की शामें दोस्तों के साथ या सड़कों पर गश्त लगाते गुज़रती हैं
जहाँ गर्भ धारण करते हैं उनके मस्तिष्क
जिससे जन्म...
विपश्यना
सहजता से कहे गए शब्दों के अर्थ अक्सर चेष्टापूर्ण और कठिन होते हैं जैसे तुमने कहा कि तुम्हें मेरा मौन काटता है और उससे...
शरणकुमार लिम्बाले – ‘अक्करमाशी’
शरणकुमार लिम्बाले की आत्मकथा 'अक्करमाशी' से उद्धरण | Quotes from 'Akkarmashi' , an autobiography by Sharan Kumar Limbale
"आत्मकथा का अर्थ जो जीवन जीया है,...
कविताएँ — मई 2020 (दूसरा भाग)
मैना
निष्ठुर दिनों में देखा है
कोई नहीं आता।
मैना की ही बात करता हूँ
कई मौसमों के बीत जाने पर आयी है
मैं तो बच गया—
विस्मृत हो रही...
ज़रूरी है प्रेम में होना
'Zaroori Hai Prem Mein Hona', a poem by Amandeep Gujral
सब कुछ छोड़कर चले जाना चुपचाप
बुद्ध होने के लिए ज़रूरी है क्या?
तुम एक काम करना
तुम...
तुम्हें पता है बुद्ध, छलावे, स्त्री-पुरुष
Poems: Yogesh Dhyani
तुम्हें पता है बुद्ध
तुम्हें पता है बुद्ध
तुम्हारे अनुयायियों के अलावा भी
तुम बहुतों के प्यारे हो
तुम विशाल होटलों के
मुख्य द्वारों से लेकर
मदिरालयों की...
नहीं यशोधरा, नहीं
'Nahi Yashodhara, Nahi', a poem by Rashmi Saxena
नहीं यशोधरा, नहीं
अभी नहीं
अभी हृदय में तुम्हें
दुःख धारण नहीं करना है
देखकर किसी रोगी को
अभी किसी जर्जर,
जीर्ण काया...
बुद्ध बन जाना तुम
कुछ अल्ड़ह सा, ऊँघता
हिलोरे लेता हुआ
तुम्हारे ख्वाबों का उन्माद
बड़ा जिद्दी है।
बन जाना चाहता है
रूह का लिबास।
कमरे में छोड़ी तुम्हारी
अशेष खामोशी
ढूँढ रही है कोना,
खुद को...
कुछ सम्बोधन गीत
(1)
ओ तस्वीरों पर राजनीति करने वालों,
लो ये तस्वीरें आज तुम्हें हम दिखा रहे।
इन तस्वीरों में हिन्द के बेटे-बेटियां,
देखो कैसे खड़े तुम्हारी राह में।
यह तस्वीरें...