1
“तू
सगे माँ-बाप की नहीं हुई
मेरी क्या होगी साली!”
पहले घर से
भागी हुई लड़की ने
दूसरा घर भी छोड़ दिया है,
और तीसरा घर ढूँढ रही है..!
2
“रांड!
अमावस के दिन पैदा हुई थी
भागनी ही थी!”
घूँघट काढ़े चबूतरे पर बैठी बुढ़िया ने कहा।
मैं
उस बुढ़िया को कैसे समझाता
कि उस अमावस की रात
तेरे घर चाँदनी पैदा हुई थी अम्मा।
3
वह अपने पीछे
आँसुओं से नम
एक चिट्ठी छोड़कर गई थी
रिश्तेदार
उसे बारी-बारी पढ़ रहे थे
और थूक रहे थे।
4
रिश्तेदार
हवलदार को घूस देते हैं
कि इस बदकार को
सरकारी काग़ज़ पर
घर से भागी हुई नहीं
घर से भगाई हुई लड़की दिखाना है।
5
धीरे-धीरे
सारे गाँव में ख़बर फैल गई
कि घर से भागकर शादी करने वाली बदकार को
उसके खसम ने मार-कूटकर छोड़ दिया।
उस दिन
सारे गाँव का मुँह मीठा हो गया,
हाँलाकि किसी के घर में कड़ाही नहीं चढ़ी।
6
घर से भागी हुई लड़कियों को
क़दम-क़दम पर
बहुत सारे जेठों और बहुत सारे देवरों की ज़रूरत होती है
लेकिन मर्द बनना चाहते हैं तो सिर्फ़ खसम!