उन्होंने कहा—
देखो!
हमने देखा!
…वे ख़ुश हुए।

उन्होंने कहा—
सुनो!
वे बहुत ख़ुश हुए!

उन्होंने कहा—
खड़े रहो!
हम खड़े रहे!
वे बहुत ही ख़ुश हुए।

उन्होंने कहा—
बोलो!
हमने कहा— ‘रोटी’!
वे नाराज़ हुए!
बहुत नाराज हुए!!
बहुत ही नाराज़ हुए!!!

Book by Om Purohit ‘Kagad’:

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ओम पुरोहित 'कागद'
(5 जुलाई 1957 - 12 अगस्त 2016)

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