विवरण: डॉ. सौरभ मालवीय ने मीडिया जगत को बड़ी बारीकी से देखा और समझा है। उनकी धारणा है कि मीडिया का दायित्व है कि वह जन-जन को समाज का आईना दिखाकर उसके गिरते मनोबल को सशक्त बनाने हेतु राष्ट्रवाद का स्वर अधिक प्रखर करे। इसी तथ्य को उजागर किया है डॉ. मालवीय ने अपनी रचना में। रचना के केन्द्रबिन्दु में हैं श्री अटल बिहारी वाजपेयी जिनकी न केवल राजनीति बल्कि साहित्य और पत्रकारिता के क्षेत्र में गहरी पैठ है। एक कर्मयोगी और समर्पित देशभक्त का पर्याय हैं अटल बिहारी वाजपेयी। सौरभ जी ने पत्रकार अटलजी से परिचय कराया है। अटलजी के संवेदनशील पत्रकार मन को सौरभ की पुस्तक से बखूबी समझा जा सकता है। अटलजी के इस पक्ष से कम लोग परिचित हैं और यही सौरभ की रचना की विशेषता है कि एक पत्रकार के रूप में अटलजी की हर बात को जाना समझा जा सकेगा। कैसे देश, समाज को सर्वोपरि रख सौरभ ने अटलजी के पत्रकारिता के सफ़र का बखान किया है। यह अनछुआ पहलू अब छिपा हुआ नहीं होगा। बेहद दिलचस्प होगा पत्रकार अटलजी को जानना। ख़बरों को देखने लिखने का उनका दृष्टिकोण क्या था। अटलजी के लिए किसी ख़बर के क्या मायने थे, सौरभ की कृति से अब यह आपके हमारे लिए अनजाना नहीं होगा। राजनीति के साथ-साथ राष्ट्र के प्रति अटलजी की वैयक्तिक संवेदनशीलता सदैव उनके पत्रकार जीवन में परिलक्षित हुई है जिसे सौरभ ने दुनिया के सामने लाने का यह अद्भुत प्रयास किया है। अटलजी ने अपने लेखों, सम्पादकीय में देश के विकास को प्राथमिकता दी है। उनके इस पक्ष को भी समझने में मदद मिलेगी कि कैसे एक पत्रकार अपनी भूमिका ईमानदारी से निभाते हुए देश के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी निभाता है।

– सईद अंसारी वरिष्ठ पत्रकार, आजतक

  • Format: Paperback
  • Publisher: 9078451514 (2018)
  • ISBN-10: 9387889300
  • ISBN-13: 978-9387889309
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