विवरण: 

यह छायावाद का शताब्दी वर्ष है। उसे जनमते, विकसित होते और तिरोहित होते हुए हममें से जिन लोगों ने देखा है, उन्हें पूर्वदीप्ति के सहारे, पीछे मुड़कर पुनः उन विभिन्न मोड़ों को देखना अर्थात् इतिहास का साक्षी बनना अच्छा लगेगा। मुझे विशेष खुशी इस बात की है कि इसके उत्कर्षकाल को प्रत्यक्षतः महसूसने का अवसर मुझे भी मिला है।

-प्रो. सूर्यप्रसाद दीक्षित

  • Format: Tankobon Hardcover
  • Publisher: Vani Prakashan (2019)
  • ASIN: B07NBG81FN
पोषम पा
सहज हिन्दी, नहीं महज़ हिन्दी...