Poems: Nagraj Manjule [Translated from Marathi into Hindi]
अनुवाद: टीकम शेखावत
दोस्त
एक ही स्वभाव के
हम दो दोस्त
एक दूसरे के अज़ीज़
एक ही ध्येय
एक ही स्वप्न लेकर जीने वाले
कालान्तर में
उसने आत्महत्या की
और मैंने कविता लिखीं।
‘क’ और ‘ख’
(क)
इश्तिहार में देने के लिए
खो गए व्यक्ति के
घर पर
नहीं होती
एक भी ढंग की तस्वीर!
(ख)
जिनके
घर पर
एक भी
ढंग की तस्वीर नहीं होती
ऐसे ही लोग
अक्सर खो जाते हैं।
जनगणना के लिए
जनगणना के लिए
‘स्त्री/पुरुष’
ऐसे वर्गीकरण युक्त
काग़ज़ लेकर
हम
घूमते रहे गाँव-भर
और गाँव के एक असामान्य से मोड़ पर
मिला चार हिजड़ों का
एक घर।
प्रश्न
किसी के बाप बन जाने की
ख़ुशख़बर सुनकर
कोई हिजड़ा
नाचते-नाचते,
कहाँ जाएगा?
सूर्योदय का वर्णन सुनकर
कोई जन्मान्ध
क्या देख सकेगा?
तुम अब
तुम
अब
मेरे लिए
जैसे
आत्महत्या का
कोई ख़त पुराना-सा।
छाया
उजड़ते हुए
मेरे वीरान जीवन की
छाया बन गयीं कविताएँ।
कौन जाने आत्मा में
कैसे अँखुवाती हैं कविताएँ
पृथ्वी की कोख से
कैसे जन्मते हैं वृक्ष?
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