Tag: Busy

Prayag Shukla

समय न था

एक चिड़िया उड़ रही थी आकाश में, उसकी पूरी उड़ान देखने का समय न था। फूल हिल रहे थे कई-कई रंगों में, उनके रंग पहचानने का समय न था। थोड़ी बदली थी जो...
Rahul Boyal

परिभाषा पीड़ की

तुम्हारी व्यस्तताओं का मैं हुआ अभ्यस्त रह गया हूँ केवल एक सरन्ध्र हृदय का स्वामी जिससे रित रही हैं प्रतिपल तुम्हारे लौटने की आशाएँ और भर रही...
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