Tag: Dependence
कन्धा
यदि कोई मुझसे आकर पूछेगा
इस जीवन में तुमने क्या किया
तो मैं झट से बोलूँगी— कन्धा!हाँ, मैं जीवन भर किसी कन्धे की तलाश में रही
मेरा...
सुमित मदान की कविताएँ
Poems: Sumit Madan
ठोकरें
मैं ठोकरें खाता हुआ
बढ़ रहा था
कि कुछ हाथ
मुझे सहारा देने आगे आए।
मैं सम्भल गया।
उसके बाद,
ना मैंने ठोकरें खायीं,
ना ही मैं आगे बढ़ पाया।
मैं...