Tag: Deviprasad Singh Kusumakar

दादा का मुँह

दादा का मुँह जब चलता है मुझे हँसी तब आती है, अम्माँ मेरे कान खींचकर मुझको डांट पिलाती है! किंतु हँसी बढ़ती जाती है मेरे वश की बात नहीं, चलते...
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