Tag: Jaiprakash Leelwan
आज़ादी का आसमान
मेरी तो जान हैं
तुम्हारे ये सीने, तुम्हारे ये सिर
जो अपने सपनों के रोशनदान से
आज़ादी का आसमान
देखने को मचल रहे हैं।तुम्हारे सिर और सीनों में...
क्या-क्या मारोगे?
उम्मीदों
सपनों
पत्थरों
लोगों
फूलों
तितलियों
तारों को मारोगे?मरीज़ों
दवाओं
स्त्रियों
दलितों
मछलियों
झीलों
समुन्दरों को मारोगे?हिरणों
मेमनों
मौसमों
जंगलों
पर्वतों
नदियों
पुलों को मारोगे?पलों
दिनों
हफ़्तों
महीनों
सालों
युगों
सदियों को मारोगे?शब्दों
अक्षरों
वर्णों
स्वरों
शैलियों
भाषाओं
व्याकरणों को मारोगे?रातों
साँसों
चुम्बनों
उमंगों
ख़्वाबों
भावनाओं
विचारों
कविताओं को मारोगे?बच्चों
रोटियों
घरों
माँओं
बहिनों
भाइयों
साथियों को मारोगे?किताबों
कार्यों
कोंपलों
कोमलताओं
कौमार्य
कमेरों
क्रान्ति को मारोगे?समय
समता
सरोकार
सवालों
सन्ध्या
सुबह
साहित्य को मारोगे?जन्म
जंगल
ज़ुबान
जीभ
ज़मीन
जनता
जनतन्त्र को मारोगे?आज
आज़ादी
अधिकार
अदब
आदमी
आन्दोलन
आम्बेडकरों को मारोगे?मन्तव्यों
मक़सदों
मतलबों
मनुष्यों
मुद्दों
मसलों
मंज़िलों को...