Tag: Paramjit Singh Misha

Gwachian Gallan

गवाचीयाँ गल्लां – अनवर अली

"हिंदू मुसलामानों की तमाम बातें सुनाते हुए अनवर ख़ुद कहीं भी मज़हबी या कट्टर नहीं नज़र आते। अपनी जवानी की हिमाक़तें, बचपन की बेवकूफ़ियाँ आप क़ुबूल करते चलते हैं। इसलिए किताब किसी मक़ाम पर भी किसी एक ज़ात के ख़िलाफ़ या किसी एक के हक़ में खड़ी होती ही नहीं है, बल्कि इस तरह की हर अपरिपक्वता की खिल्ली उड़ाती अपनी राह चलती जाती है।"
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