Tag: Shivangi Goel

Shivangi Goel

प्रेम में इंसान अलंकृत हो जाता है

प्रेम में इंसान अलंकृत हो जाता है अतिश्योक्ति अलंकार से!उसका दिल कुछ भी करने या हो जाने का होता है.. मसलन, किसी को गर्दन से लेकर नाभि तक...

राख उड़ी होगी जग में, नरमुण्ड कहीं बिखरे होंगे..

तुम प्रेम परिधि के मध्यबिंदु हो, रौद्ररूप हो, शिव हो तुम गंगा को जूड़े में बाँधे माहेश्वर हो, शिव होतुम कि जिसे अपने अपमान का क्षोभ...
Woman Abstract

रोटियाँ

एक छोटी-सी कविता जिसमें से उद्धृत करने के लिए अंश चाहे न मिले, लेकिन जिसमें स्त्रियों के लिए असहनीय किए गए युगों की झलक साफ़ झलकती है..
Shivangi Goel

तुझे लगता है मुझे होश है, मैं ज़िंदा हूँ?

तुझे लगता है मुझे होश है, मैं ज़िंदा हूँ? सामने आएगा तो मरता हुआ पायेगा मुझे सेज फूलों से नहीं 'कै' से भरी होगी मेरी और उस...
Shivangi Goel

यतीम औलादें

मैं कुछ यतीम बच्चों को जानती हूँ जिनके वालिदैन ज़िंदा हैं, उनके साथ रहते हैं पर वो शजर नहीं बन सके अपनी औलाद के लिए और बने...
Shivangi Goel

इज़्ज़त बरक़रार रहती है!

उसने मुझसे कहा कि मैं तुमसे 'प्रेम' करता हूँ ये भी कहा कि मैं अपनी पत्नी की 'इज़्ज़त' करता हूँ जब उसके शरीर से बह रहा...

STAY CONNECTED

42,501FansLike
20,941FollowersFollow
28,997FollowersFollow
2,080SubscribersSubscribe

RECENT POSTS

Chen Chien-wu

चेन च्येन वू की कविताएँ

ताइवान के नांताऊ शहर में सन् 1927 में जन्मे कवि चेन च्येन वू मंदारिन, जापानी और कोरियाई भाषाओं में पारंगत कवि हैं। अपने कई...
Ekaterina Grigorova

बुल्गारियाई कवयित्री एकैटरीना ग्रिगरोवा की कविताएँ

अनुवाद: पंखुरी सिन्हा सामान्यता मुझे बाल्टिक समुद्र का भूरा पानी याद है! 16 डिग्री तापमान की अनंत ऊर्जा का भीतरी अनुशासन!बदसूरत-सी एक चीख़ निकालती है पेट्रा और उड़ जाता है आकाश में बत्तखों...
Naomi Shihab Nye

नेओमी शिहैब नाय की कविता ‘जो नहीं बदलता, उसे पहचानने की कोशिश’

नेओमी शिहैब नाय (Naomi Shihab Nye) का जन्म सेंट लुइस, मिसौरी में हुआ था। उनके पिता एक फ़िलिस्तीनी शरणार्थी थे और उनकी माँ जर्मन...
Vinita Agrawal

विनीता अग्रवाल की कविताएँ

विनीता अग्रवाल बहुचर्चित कवियित्री और सम्पादक हैं। उसावा लिटरेरी रिव्यू के सम्पादक मण्डल की सदस्य विनीता अग्रवाल के चार काव्य संग्रह प्रकाशित हो चुके...
Gaurav Bharti

कविताएँ: अगस्त 2022

विस्मृति से पहले मेरी हथेली को कैनवास समझ जब बनाती हो तुम उस पर चिड़िया मुझे लगता है तुमने ख़ुद को उकेरा है अपने अनभ्यस्त हाथों से।चारदीवारी और एक...
Nicoleta Crăete

रोमानियाई कवयित्री निकोलेटा क्रेट की कविताएँ

अनुवाद: पंखुरी सिन्हा औंधा पड़ा सपना प्यार दरअसल फाँसी का पुराना तख़्ता है, जहाँ हम सोते हैं! और जहाँ से हमारी नींद, देखना चाह रही होती है चिड़ियों की ओर!मत...
Daisy Rockwell - Geetanjali Shree

डेज़ी रॉकवेल के इंटरव्यू के अंश

लेखक ने अपनी बात कहने के लिए अपनी भाषा रची है, इसलिए इसका अनुवाद करने के लिए आपको भी अपनी भाषा गढ़नी होगी। —डेज़ी...
Kalam Ka Sipahi - Premchand Jeevani - Amrit Rai

पुस्तक अंश: प्रेमचंद : कलम का सिपाही

भारत के महान साहित्यकार, हिन्दी लेखक और उर्दू उपन्यासकार प्रेमचंद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। प्रेमचंद ने अपने जीवन काल में कई रचनाएँ...
Priya Sarukkai Chabria

प्रिया सारुकाय छाबड़िया की कविताएँ

प्रिया सारुकाय छाबड़िया एक पुरस्कृत कवयित्री, लेखिका और अनुवादक हैं। इनके चार कविता संग्रह प्रकाशित हो चुके हैं जिनमें नवीनतम 'सिंग ऑफ़ लाइफ़ रिवीज़निंग...
aadhe adhoore mohan rakesh

आधे-अधूरे : एक सम्पूर्ण नाटक

आधे-अधूरे: एक सम्पूर्ण नाटक समीक्षा: अनूप कुमार मोहन राकेश (1925-1972) ने तीन नाटकों की रचना की है— 'आषाढ़ का एक दिन' (1958), 'लहरों के राजहंस' (1963)...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)