Tag: Unity
तुम्हारी जात-पाँत की क्षय
हमारे देश को जिन बातों पर अभिमान है, उनमें जात-पाँत भी एक है। दूसरे मुल्कों में जात-पाँत का भेद समझा जाता है भाषा के...
मनुष्यता
विचार लो कि मर्त्य हो, न मृत्यु से डरो कभी,
मरो परन्तु यों मरो कि याद जो करें सभी।
हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा...
जगत में घर की फूट बुरी
जगत में घर की फूट बुरी।
घर की फूटहिं सो बिनसाई, सुवरन लंकपुरी।
फूटहिं सो सब कौरव नासे, भारत युद्ध भयो।
जाको घाटो या भारत मैं, अबलौं...
आवश्यकता
आज के परिवेश में
वो गरिमामय कल
नहीं दिखता!
बेशक जरूरी है विकास
और राष्ट्रीयता
लेकिन उतना ही जरूरी है
मानवता और एकता भी
जरूरी है एक समाज
जिसमें समावेश हो
आधुनिकता और...