Tag: Unity

Rahul Sankrityayan

तुम्हारी जात-पाँत की क्षय

हमारे देश को जिन बातों पर अभिमान है, उनमें जात-पाँत भी एक है। दूसरे मुल्कों में जात-पाँत का भेद समझा जाता है भाषा के...
Maithili Sharan Gupt

मनुष्यता

विचार लो कि मर्त्य हो, न मृत्यु से डरो कभी, मरो परन्तु यों मरो कि याद जो करें सभी। हुई न यों सु-मृत्यु तो वृथा मरे, वृथा...
bhartendu harishchandra

जगत में घर की फूट बुरी

जगत में घर की फूट बुरी। घर की फूटहिं सो बिनसाई, सुवरन लंकपुरी। फूटहिं सो सब कौरव नासे, भारत युद्ध भयो। जाको घाटो या भारत मैं, अबलौं...

आवश्यकता

आज के परिवेश में वो गरिमामय कल नहीं दिखता! बेशक जरूरी है विकास और राष्ट्रीयता लेकिन उतना ही जरूरी है मानवता और एकता भी जरूरी है एक समाज जिसमें समावेश हो आधुनिकता और...
कॉपी नहीं, शेयर करें! ;)