Tag: Vishnu Khare

Vishnu Khare

वापस

सफ़ेद मूँछें, सिर पर उतने ही सफ़ेद छोटे-छोटे बाल बूढ़े दुबले झुर्रीदार बदन पर मैली धोती और बनियान चेहरा बिल्कुल वैसा जैसा अस्सी प्रतिशत भारतवासियों का शहर...
Vishnu Khare

आज भी

आज भी होंगे करोड़ों पर अन्याय अत्याचार होंगे लाखों पर इस शाम भी असंख्य सोएँगे भूखे या आधे पेट हज़ारों-हज़ार रहेंगे बेआसरा-बेसहारा औरतें गुज़रेंगी हर सम्भव-असम्भव अपमान से बच्चे...
Vishnu Khare

अन्तिम

क्या याद आता होगा मृत्यु के प्रारम्भ में मर्मान्तक वेदना की लम्बी मौत या कृतज्ञ बेहोशी में या उससे कुछ पहले— एक बहुत नन्ही लड़की अँगुलियाँ पकड़ती हुई या पास...
Vishnu Khare

नींद में

कैसे मालूम कि जो नहीं रहा उसकी मौत नींद में हुई?कह दिया जाता है कि वह सोते हुए शान्ति से चला गया क्या सबूत है? क्या कोई था उसके...
Vishnu Khare

अकेला आदमी

अकेला आदमी लौटता है बहुत रात गए या शायद पूरी रात बाद भी घर के ख़ालीपन को स्मृतियों के गुच्छे से खोलता हुआअगर वे लोग...
Vishnu Khare

स्वीकार

आप जो सोच रहे हैं, वही सही है मैं जो सोचना चाहता हूँ, वह ग़लत हैसामने से आपका सर्वसम्मत व्यवस्थाएँ देना सही है पिछली कतारों में जो...
Vishnu Khare

परस्पर

साथ का आख़िर यह भी कैसा मक़ाम कि आलिंगन और चुम्बन तक से अटपटा लगने लगे ऐसे और बाक़ी शब्द भी अतिशयोक्ति मालूम हों इसलिए उन्हें एकांत किसी...

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