इतने दिनों के बाद
वह इस समय ठीक
मेरे सामने है

न कुछ कहना
न सुनना
न पाना
न खोना
सिर्फ़ आँखों के आगे
एक परिचित चेहरे का होना

होना—
इतना ही काफ़ी है

बस इतने से
हल हो जाते हैं
बहुत-से सवाल,
बहुत-से शब्दों में
बस इसी से भर आया है लबालब अर्थ
कि वह है

वह है
है
और चकित हूँ मैं
कि इतने बरस बाद
और इस कठिन समय में भी
वह बिल्कुल उसी तरह
हँस रही है

और बस
इतना ही काफ़ी है।

केदारनाथ सिंह की कविता 'तुम आयीं'

Book by Kedarnath Singh:

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केदारनाथ सिंह
केदारनाथ सिंह (७ जुलाई १९३४ – १९ मार्च २०१८), हिन्दी के सुप्रसिद्ध कवि व साहित्यकार थे। वे अज्ञेय द्वारा सम्पादित तीसरा सप्तक के कवि रहे। भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा उन्हें वर्ष २०१३ का ४९वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया था। वे यह पुरस्कार पाने वाले हिन्दी के १०वें लेखक थे।

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