बस में हमारे कुछ नहीं
पल में शब्द तो
पल में रिश्ते बदल जाते हैं
बदलते देखा है मैंने दिलों को भी
इश्क की दास्तानों को भी
किसे यकीन था कि
एक दिन हम-तुम भी बदल जाएंगे
इतना बदल जाएंगे कि
अब आमने-सामने पड़ते हैं तो निगाहें फेर लेते हैं!

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