‘Johta Hoon Baat Rani’, a poem by Bedhab Banarasi

शीघ्र आओ प्रेम का मेरे न उलटे ठाठ रानी!

है असह्य वियोग बाले
है निशा टलती न टाले
करवटें लेते हुए टूटी हमारी खाट रानी!

बोलने की बात तो क्या,
पत्र का उत्तर न भेजा
क्या कहीं की बन गयी हो आजकल तुम लाट रानी!

धर्म भी थोड़ा कमाऊँ
और दर्शन साथ पाऊँ
एक दिन आओ सबेरे तुम अहल्या घाट रानी!

विश्व मैंने है बिसारा
गीत बस अब है सहारा
मैं जुदाई में तुम्हारी बन गया हूँ भाट रानी!

देख क्या करते बिचारे
जब बिना दर्शन तुम्हारे
मिल गए कितने कहानी-लेखकों को प्लाट रानी!
जोहता हूँ बाट रानी..

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बेढब बनारसी
बेढब बनारसी पिछली सदी के एक प्रसिद्ध हिन्दी लेखक थे, जो अपनी मजाकिया लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध थे। वो अपने कल्पित नाम बेढ़ब बनारसी से विनोदी और व्यंग्यपूर्ण हिन्दी कविताएँ लिखते थे। उन्होंने गद्य और कविता की दर्ज़नभर पुस्तकें प्रकाशित किया।

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