कैसी तवाना, कैसी चंचल, कितनी शोख़ और क्या बेबाक
कैसी उमंगें, कैसी तरंगें, कितनी साफ़ और कैसी पाक
होश की बातें, शौक़ की घातें, जोश-ए-जवानी सीना-चाक
ख़ंदा ऐसा जैसे रक़्स
बातें ऐसी जैसे साज़
कैसी तवज्जोह, कैसी मोहब्बत, जिस में शामिल कम-कम नाज़..

Previous articleएक स्त्री के कारनामे
Next articleआख़…थू

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here